राँची : राजधानी राँची में पत्रकार पर जानलेवा हमला करने का आरोपी बेंगा उर्फ आकाश को राँची पुलिस की टीम ने घटना के 8 दिन बाद गया के टेकारी से रविवार की शाम 4:00 बजे गिरफ्तार कर लिया था। आरोपी आकाश उर्फ बेंगा गया के टेकारी में अपने नानी घर भाग गया था। लेकिन नानी घर वालों ने आरोपी को शरण नहीं दिया और आरोपी के पास पैसा नहीं था जिसके वजह से आरोपी आकाश उर्फ बेंगा टेकारी के एक मंदिर में शरण ले रखा था। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी आकाश उर्फ बेंगा और नितेश केरकेटा को गिरफ्तार की है। नितेश केरकेटा को पहले ही न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। वहीं आज आरोपी आकाश उर्फ बेंगा को जेल भेज दिया गया है।
आरोपी आकाश उर्फ बेंगा ने पुलिस को जानकारी दी कि राँची में उसके पास पैसे नहीं थे। पुलिस हाथ धो कर पीछे पड़ी थी। उसे लगा कि अब वह पकड़ा जाएगा, तब विश्वकर्मा पूजा वाले दिन 17 सिंतबर को वह टेकारी गया के लिए निकला। उसी दिन रात वह अपने रिश्तेदार के घर पहुंचा था। लेकिन रिशेतदारो ने उसे खदेड़ दिया। उन्हें पता था कि राँची में उसने जानलेवा हमला किया है।उसे पुलिस ढूंढ रही है। फिर वह वहां से निकल तो गया लेकिन उसके पास कही और जाने के लिए पैसे नहीं थे।
राँची पुलिस की रेकी काम आई। पुलिस के पूर्व में वहां धमक देने की वजह से बेंगा के रिश्तेदारों ने उसे जब घर में रखने से इंकार कर दिया और निकाल दिया तो वह पास में ही मंदिर प्रांगण में रह रहा था। राँची में पदस्थापित एएसआई ने गया में अपने रिश्तेदारों को उसकी रेकी के लिए लगा रखा था, कि वहां अगर कोई अनजान आता है तो इसकी जानकारी दें। उसी की सूचना पर राँची पुलिस को पता चला था कि विश्वकर्मा पूजा के दिन बेंगा टेकारी पहुंचा है। इसके बाद एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर एक टीम शनिवार की देर रात 1:30 बजे राँची पुलिस की एक टीम जिसमें तुपुदाना थाना के एएसआई देवेंद्र सिंह और सदर थाना के एएसआई सत्येंद्र सिंह को गया टेकारी भेजा गया। वहां पहुंचते ही टीम ने स्थानीय थाना से संपर्क किया।फिर उसकी खोजबीन शुरू हुए,तो वह एक मंदिर के पास मिला। फिर बेंगा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
बेंगा ने कहा घटना के 2 दिन पूर्व उसे मारा गया था इसलिए उसने बदला लेने के लिए किया हमला
पूछताछ में आरोपी बैंगा ने बताया कि घटना के 2 दिन पूर्व घायल पत्रकार बैजनाथ ने उसके साथ मारपीट की और धमकी दिया था। इसीलिए उसने बदला लेने के लिए बैजनाथ पर हमला किया। उसे अकेले देख उनपर घटना वाली रात हमला कर दिया। अकेले ही मार कर उसे अधमरा कर दिया। जब उसे लगा कि वह पूरी तरह से अचेत हो गया है तो वह उसका मोबाइल लेकर वहां से भाग गया। फिर उसके मोबाइल को उसने पैसे के लिए एक युवक को बेच दिया। राँची में ही इधर उधर कई दिन वह भटक रहा था। जब उसे लगा कि अब वह पकड़ा जाएगा तो विश्वकर्मा पूजा वाले दिन राँची से भागकर गया अपने रिश्तेदार के यहां गया पहुंच गया। लेकिन वहां से खदेड़ दिए जाने की वजह से उसके पास पैसे नहीं थे इसलिए वह मंदिर में रह रहा था।





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